धनतेरस क्यों मनाया जाता है और इसका महत्व क्या है?

जैसा कि आप लोग जानते हैं कि इस वर्ष यानि की 2024 में 29 अक्टूबर को भारत में धनतेरस का त्यौहार हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इस दिन सभी लोग सोना, चांदी या बर्तन खरीदते है ऐसा इसलिए क्योंकि धनतेरस के दिन कोई समान खरीदना अति शुभ माना जाता है।

धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा विधि विधान से की जाती है क्योंकि ऐसा कहा जाता है। कि अगर आप उनकी पूजा करेंगे तो आपके ऊपर उनकी विशेष कृपा बनी रहेगी और आपके जीवन में कोई भी तकलीफ या कठिनाई है तो उसका निवारण भी हो जाएगा।

ऐसे में बहुत सारे लोगों के मन में सवाल आता है कि धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है इसका महत्व क्या है?(Dhanteras kyu manaya jata hai in hindi) धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए, धनतेरस 2024 का शुभ मुहूर्त क्या है, पूजा विधि क्या है. अगर आप इन सब के बारे में नहीं जानते हैं तो आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े। 

धनतेरस 2024 में कब है?

dhanteras kyu manaya jata hai

धनतेरस (Dhanteras) साल 2024 में 29 अक्टूबर को है और इस दिन पूरे भारतवर्ष में धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। 

धनतेरस कब मनाया जाता है?

प्रत्येक वर्ष धनतेरस के पर्व को हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष के त्रयोदसी अर्थात तेरहवें दिन काफी धूम-धाम से मनाया जाता है। पांच दिनों तक चलने वाले दिवाली पर्व की शुरुआत धनतेरस के साथ ही होती है इसी दिन समुद्र मंथन से भगवान धनवंतरी और माता लक्ष्मी प्रकट हुई थी जिसके कारण धनतेरस मनाने की परंपरा शुरू हुई और जो आज तक परंपरा कायम है और आने वाले भविष्य में भी कायम रहेगा।

धनतेरस कैसे मनाया जाता है?

धनतेरस दीपावली के एक दिन पहले पूरे भारतवर्ष में हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है इस दिन सोना, चांदी और बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है ऐसा कहा जाता है कि अगर आप इस दिन कोई भी शुभ चीज खरीदेंगे तो आपके घर में सुख, समृद्धि आएगी।

इस दिन बाजारों में आपको दुकानों में काफी लोगों की भीड़ देखी जाएगी। हर एक घर से कोई ना कोई धनतेरस पर कुछ ना कुछ नई चीजें जरूर खरीदता है। क्योंकि ऐसा करना शुभ माना जाता है धनतेरस का त्यौहार बिजनेस करने वाले लोगों के लिए बहुत ही खास दिन है।

क्योंकि इस दिन उनका बिज़नेस काफी अच्छा होता है और साथ में उन्हें धन की प्राप्ति भी होती है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है। माता लक्ष्मी की पूजा करने से आपके ऊपर धन की विशेष कृपा बनी रहेगी और भगवान धन्वंतरी का पूजा करने पर आपका स्वास्थ्य अच्छा और तंदुरुस्त रहेगा।

क्योंकि भगवान धनवंतरी को आधुनिक शल्य चिकित्सा का जनक कहा जाता है। भारत के विभिन्न राज्यों में धनतेरस मनाने की परंपरा अलग-अलग है। इसके अलावा धनतेरस के दिन पूजा करना भी शुभ माना जाता है क्योंकि हिंदू धर्म में गाय, माता के समान होती है और उनमें भी देवी का वास होता है।

धनतेरस के दिन, लोग अपने घरों को रंगीन रोशनी और अन्य सजावटी वस्तुओं से सजाते हैं। कई लोग अपने घर में नया पेंट भी करवाते हैं। देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के प्रवेश द्वार को रंगोली से सजाया जाता है। देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरी के स्वागत के लिए प्रवेश द्वार पर तेल के दीपक भी जलाए जाते हैं।

धनतेरस का महत्व क्या है?

धनतेरस (Dhanteras) का महत्व मुख्य रूप से नई चीजें की खरीदारी करने के लिए काफी शुभ माना जाता है ऐसा कहा जाता है कि इस दिन अगर आप कोई भी चीज खरीदते है। तो आपके घर में सुख और समृद्धि आएगी धनतेरस का धार्मिक महत्व के अलावा आर्थिक महत्व भी बहुत ज्यादा है इस दिन सभी व्यापारी अपनी दुकानों की साफ-सफाई अच्छी तरह से करते है। 

इसके अलावा दुकान को अच्छी तरह से सजाया जाता है क्योंकि दीपावली के दिन के बाद से व्यापारिक वर्ग के लोगों के लिए नए साल की शुरुआत होती है वह अपने सभी पुराने खातों को समाप्त करते हैं और नए खाते के साथ व्यवसाय की शुरुआत की जाती है धनतेरस के दिन बाजार में काफी भीड़ होती है।

लोग धनतेरस के शुभ अवसर पर कोई ना कोई चीज खरीदते हैं इसलिए यहां पर बाजार में लोगों की चहल पहल बहुत ज्यादा होती है। धनतेरस का सबसे अधिक फायदा बिजनेस करने वालो को होता है। क्योंकि इस दिन उनकी बिक्री सबसे ज्यादा होती है बाजार में लोगों की रौनक दीपावली तक होती है।

इस दिन सभी बाजार 24 घंटे खुले रहते हैं और एक दिन में अरबों खरबों का लेन-देन होता है। जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक अच्छा संकेत माना जाता है। इस दिन भारत के सभी सेक्टरों में चाहे वह ऑटोमोबाइल हो सोना, चांदी हो या कोई भी सेक्टर हो उसमें भारी उछाल देखा जाता है इस दिन भारतीय शेयर बाजार काफी तेजी के साथ ऊपर जाता है। 

धनतेरस क्यों मनाया जाता है?

धनतेरस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है इसके पीछे कई पौराणिक कथाएँ प्रचलन में उनमे से दो कथाएं निचे बताई गई है। 

समुद्र मंथन की कहानी

ऐसा कहा जाता है कि समुद्र मंथन में माता लक्ष्मी के अलावा भगवान धन्वंतरी प्रकट हुए थे उनके हाथ में अमृत का कलश था. जिसके बाद सभी देवताओं को अमृत पिलाया गया ताकि वह अमर हो सके इसलिए भगवान धन्वंतरी को स्वास्थ्य का देवता भी कहा जाता है। इसलिए ऐसी मान्यता है कि अगर भगवान धनवंतरी की पूजा की जाए तो आपकी उम्र लंबी होगी तभी से धनतेरस मनाने की परंपरा शुरू हुई। 

सांप के रूप में यमराज की कहानी

एक दूसरी कहानी भी प्रचलित है एक बार किसी राजा के पुत्र की जन्म कुंडली देखी गयी। जिसमे यह लिखा था की उसके विवाह के 4 दिन बाद उनकी पत्नी की मृत्यु सांप काटने से हो जाएगी इस चिंता में राजा को नींद नहीं आता था।

इस समस्या का निराकरण के लिए राजा की पुत्रवधु ने सोने से पहले अपने सारे के सारे सोने, चांदी से बने आभूषण को दरवाजे पर रख दिया।ताकि सांप के रूप में जब यमराज आये तो उनकी आंखें आभूषण के रोशनी से चकाचौंध हो जाए। और उन्हें समझ में नहीं आया कि कहां पर राजा की पुत्रवधु सोई है।

केवल यही नहीं सांप घर के अंदर प्रवेश न कर सके इसके लिए राजा की पुत्र वधु ने पूरी रात जागकर मधुर आवाज में गाने गाये जिससे सांप का ध्यान भटक गया और वह काटना भूल गया और फिर वापस चला गया। यही कारण है कि धनतेरस के दिन यमराज की भी पूजा की जाती है ताकि आपके ऊपर यमराज की कुदृष्टि ना पड़े।

FAQs –

Q. धनतेरस कब है 2024 में

Ans – धनतेरस (Dhanteras) साल 2024 में 29 अक्टूबर को है और इस दिन पूरे भारतवर्ष में धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। 

Q. धनतेरस के दिन किनकी पूजा की जाती है?

Ans – धनतेरस के दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा की जाती है।

Q. दिवाली की शुरुआत कब से होती है?

Ans – पांच दिनों तक चलने वाला दीपावली का पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है. कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है।

निष्कर्ष –

आशा करता हूँ आपको ये लेख धनतेरस क्यों मनाया जाता है और इसका महत्व क्या है? अच्छा लगा होगा इस लेख को पढ़ने के बाद अब आप धनतेरस के बारे में अच्छे से जान गए होंगे, किसी भी प्रकार का सवाल, सुझाव आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है धन्यवाद!

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