आज के इस आर्टिकल में जानेंगे डीआरडीओ (DRDO) क्या है? (DRDO Full Form in Hindi) क्या होता है। जैसा की हमलोग सब जानते है। आज के युग में विज्ञान के बिना जीवित रहना नामुनकिन सा लगता है और किसी भी देश की उन्नती, उस देश की सैन्य ताकत, आज के दौर में विज्ञान पर ही निर्भर करता है। जिस तरीके से भारत को दो पडोसी देश चीन और पाकिस्तान से हमेशा खतरा बना रहता है।
ऐसे में भारत को अपनी डिफेंस मजबूत करना पड़ेगा। और ये सभी काम भारत के लिए करता है “डीआरडीओ“, DRDO ने भारत के लिए कई तरह के हथियार जैसे की मिसाइल, राकेट, फाइटर जेट, टैंक, रडार इत्यादि बना रखे है। जिससे भारत की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में डीआरडीओ क्या है, इसकी स्थापना कब हुई, और डीआरडीओ के बारे में पुरे जानकारी दी जाएगी।
डीआरडीओ क्या है? (What is DRDO)
डीआरडीओ (DRDO) भारत की रक्षा क्षेत्र की एक प्रमुख रिसर्च एंड डेवलपमेंट एजेंसी है। जो की भारत सरकर की रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इसका मुख्य काम है रक्षा प्राद्योगिकी में भारत को सशक्त बनाना और सैन्य ताकत तो बढ़ाना। डीआरडीओ अपने नए नए तकनीक के जरिये भारत के लिए रक्षा उपकरण बनाता है।
DRDO की स्थापना साल 1958 ईस्वी में की गयी थी। डीआरडीओ की भारत में कुल 52 प्रयोगशालाएं स्थापित है। जो की हर अलग अलग तरह की रक्षा तकनीक की चीजे बनाती है। जैसे की एरोनॉटिक्स, मिसाइल, नेवल सिस्टम, इत्यादि शामिल है। डीआरडीओ भारत के रक्षा क्षेत्र की सबसे बड़ा और सबसे एडवांस एजेंसी है।
वर्तमान समय में डीआरडीओ में 30 हजार से भी अधिक कर्मचारी काम करते है, जिनमे 5 हजार से अधिक वैज्ञानिक है। जो दिन रात काम कर भारत के लिए नयी नयी तकनीक विकसित करते है। और भारत को सैन्य रूप में मजबूत बनाते है। अब डीआरडीओ दूसरे देशो को भी रक्षा उपकरण बेच धन अर्जित कर रहा है।
About DRDO in Hindi
स्थापना | वर्ष 1958 |
मुख्यालय | डीआरडीओ भवन, नयी दिल्ली |
मोटो | बलस्य मूलं विज्ञानम् “Strength’s Origin is in Knowledge” |
वर्तमान अध्यझ | डॉ समीर वी. कामत |
उत्तरदायी मंत्री | भारत के रक्षा मंत्री |
उत्तरदायी मंत्रालय | रक्षा मंत्रालय |
वार्षिक बजट | 23,264 करोड़ (2022-23) |
कर्मचारी की संख्या | 300000, जिनमे 5000 वैज्ञानिक है। |
आधिकारिक वेबसाइट | www.drdo.gov.in |
डीआरडीओ का मोटो क्या है? (Motto of DRDO)
डीआरडीओ का मोटो है बलस्य मूलं विज्ञानम् “Strength’s Origin is in Knowledge” जिसका मतलब है ताकत की शुरुआत ज्ञान से होती है।
DRDO full form in Hindi and English
DRDO का फुल फॉर्म “Defence Research and Development Organisation” होता है। जिसे हिंदी में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन कहा जाता है।
डीआरडीओ (DRDO) के उत्पाद
ऐसे तो डीआरडीओ के द्वारा बहुत सारे रक्षा उपकरण बनाये गए है। कुछ प्रमुख रक्षा उपकरण निन्मलिखित है। इन सबो के अलावा डीआरडीओ और भी कई अन्य तरह के बेहतरीन टेक्नोलॉजी पर तेजी से काम कर रही है।
- अग्नि मिसाइल
- पृथ्वी मिसाइल
- आकाश मिसाइल
- नाग मिसाइल
- त्रिशूल मिसाइल
- ब्रहोस मिसाइल
- निर्भय मिसाइल
- शौर्य मिसाइल
- अस्त्र मिसाइल
- सागरिका मिसाइल
- सुदर्शन लेज़र गाइडेड बम
- अर्जुन युद्ध टैंक
- लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (तेजस)
- मानवरहित विमान
- पिनाका रॉकेट लांचर
- रडार वार्निंग रिसीवर
- एयर डिफेन्स फायर कंट्रोल रडार
- हलके लड़ाकू विमानों के लिए पैराशूट सिस्टम
- 3D सरवेलिएन्स रडार सिस्टम
- इंडिजेनस एक्सरे इंडस्ट्रियल टोमोग्राफी सिस्टम
- रेडियो कंट्रोल्ड इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस
- मल्टीपर्पस रोबोट्स
डीआरडीओ का काम क्या होता है?
अगर सीधे तौर पर बात की जाय तो डीआरडीओ भारत की रक्षा से जुड़े रिसर्च कार्य करता है। एवं देश की लिए रक्षा उपकरण बनाता है। ये भारत की डिफेन्स से जुडी सबसे अग्रणी एजेंसी है। एवं ये भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आता है। एवं वर्तमान समय में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह डीआरडीओ उत्तरदायी मंत्री है।
इस एजेंसी का परम लक्ष्य है। भारत को वर्ल्ड लेवल की नवीनतम साइंस एवं टेक्नोलॉजी से लैस करना, एवं भारतीय सेना को अपने डिफेन्स सिस्टम सौपना। जिससे भारत की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। भारत एक ऐसा देश है जिसे हमेशा दो तरफ चीन और पाकिस्तान से खतरा हमेशा बना रहता है।
DRDO की मुख्य संस्थाएं (DRDO Centres in india)
ऐसे तो भारत में डीआरडीओ की कुल 52 प्रयोगशालाएं है। जिनमे कुछ मुख्य निम्नलिखित है।
- Advanced Systems Laboratory – Hyderabad
- Advanced Numerical Research & Analysis Group – Hyderabad
- Aerial Delivery Research & Development Establishment – Agra
- Armaments Research & Development Establishment – Pune
- Aeronautical Development Establishment – Bengaluru
- Centre for Airborne Systems – Bengaluru
- Centre for Artificial Intelligence and Robotics- Bengaluru
- Centre for Fire Explosives and Environment Safety – Delhi
- Combat Vehicles Research & Development Establishment – Chennai
- Defence Food Research Laboratory – Mysore
- Terminal Ballistics Research Laboratory – Chandigarh
- Laser Science & Technology Centre – Delhi
- Defence Research & Development Establishment -Gwalior
डीआरडीओ की स्थापना कब हुई थी? (Establishment of DRDO)
भारत के मुख्य रक्षा उपकरण बनाने वाली एजेंसी डीआरडीओ की स्थापना साल 1958 ईस्वी में की गयी थी।
डीआरडीओ के अध्यक्ष कौन है? (DRDO Chairman)
वर्तमान समय में रक्षा डीआरडीओ के अध्यक्ष प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ समीर वी. कामत जी है इसके साथ साथ ये भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के वैज्ञानिक सलाहकार भी नियुक्त किये गए है।
डीआरडीओ में कितनी सैलरी मिलती है? (DRDO Salary in Hindi)
डीआरडीओ में काम करने वाले क्लर्क, तकनीशियन, जूनियर साइंटिस्ट, सीनियर साइंटिस्ट सभी की सैलरी अलग अलग होती है। जैसे की technician की सैलरी 30 हजार तक होती है। जबकि साइंटिस्ट की बेसिक सैलरी अलग अलग लेवल के अनुसार 56100 से 225000 तक होती है। इसके अलावा कई अन्य के तरह के भत्ते भी दिए जाते है।
FAQ’s –
Q. DRDO की स्थापना कब हुआ था?
Ans- साल 1958 में
Q. डीआरडीओ का अध्यक्ष कौन है?
Ans- वर्तमान समय में डीआरडीओ के अध्यक्ष देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ समीर वी. कामत है।
Q. डीआरडीओ का मुख्यालय कहाँ है?
Ans- डीआरडीओ का मुख्यालय डीआरडीओ भवन राजाजी मार्ग नयी दिल्ली में स्थित है।
Q. डीआरडीओ का मोटो क्या है इन इंग्लिश?
Ans- Strength’s Origin is in Knowledge
Q. DRDO के संस्थापक कौन थे?
Ans- डीआरडीई की स्थापना 28 दिसंबर 1947 को उस समय के ग्वालियर के राजा जीवाजी राव सिंधिया के द्वारा एक प्रयोगशाला की शुरुआत की गयी थी, जिसका नाम (जेआईआरएल) रखा गया था। एवं उद्घाटन भारत के अंतिम गवर्नर जनरल लार्ड माउंटबेटन ने किया था। यही प्रयोगशाला बाद में जाकर डीआरडीओ बना।
आशा करता हूँ आपको ये आर्टिकल डीआरडीओ (DRDO) क्या है? (DRDO Full Form in Hindi) अच्छा और ज्ञानवर्धक लगा होगा, इसे आप अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करें, किसी भी प्रकार का सवाल आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है, धन्यवाद।