पूरी दुनिया को शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गाँधी जिन्हे बापू के नाम से भी जाना जाता है। इनके जन्म दिवस 2 अक्टूबर को हमलोग गाँधी जयंती के रूप में मनाते है। और पूरा विश्व गाँधी जयंती के दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाता है।
गाँधी जी ने अपना पूरा जीवन शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए बिता दिया, और पूरा दुनिया को एक सीख देकर चले गए। भारत में तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक गाँधी जयंती भी है। इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है। इस दिन स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, एवं सरकारी एवं गैरसरकारी संस्थानों में काफी हर्ष उल्लास के साथ गाँधी जयंती मनाई जाती है।
और शांति और अहिंसा से जीवन जीने के लिए प्रण लेते है। भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री महात्मा गाँधी के समाधी स्थल राजघाट जाकर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करते है। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम पुरे विश्व के महान व्यक्तियों में गिने जाने वाले महात्मा गाँधी बारे में विस्तार से जानेंगे।
गाँधी जयंती क्या है? (Gandhi Jayanti in Hindi)
गाँधी जयंती भारत में एक राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाया जाता है। क्यूंकि 2 अक्टूबर 1869 ईस्वी को भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म गुजरात (भारत) के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इन्हे बापू के नाम से भी जाना जाता है, ये टाइटल इन्हे भारत के वीर सपूत सुभाष चंद्र बोस ने दिए थे। इस दिवस को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2007 में विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा किया था।
ये दिवस महात्मा गाँधी के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। महात्मा गाँधी अपनी पूरी ज़िन्दगी सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिए थे। और इन्होने अंग्रेजो को भारत से खदेड़ने के लिए काफी लम्बी लड़ाई लड़े थे। हाल ही में साल 2019 में गाँधी जी की 150 वी जयंती मनायी गयी। इस अवसर पर भारत सरकार यादगार के तौर पर 150 रूपये की सिक्का जारी किया। और अब साल 2023 में इनकी 154 वें जयंती पुरे धूम धाम से मनाई जाएगी।
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महात्मा गाँधी की जीवनी
पूरा नाम | मोहन दास करमचंद गाँधी |
जन्म | 2 अक्टूबर 1869 ईस्वी |
जन्मस्थान | पोरबंदर, गुजरात, भारत |
मृत्यु | 30 जनवरी 1948 ईस्वी (उम्र 78) |
मृत्यु का कारण | Assassination (gunshot wounds) |
समाधी स्थान का नाम | राज घाट (नई दिल्ली) |
माता का नाम | पुतली बाई |
पिता का नाम | करमचंद गाँधी |
पत्नी का नाम | कस्तूरबा गाँधी |
बच्चे | हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास |
अध्ययन | वकालत की पढाई |
व्यवसाय | वकील |
कार्य | वकालत, स्वतंत्रता सेनानी, राजनितज्ञ, लेखक |
मुख्य आन्दोलन | दक्षिण अफ्रीका में अश्वेतों के लिए आन्दोलन, चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आन्दोलन, स्वराज (नमक सत्याग्रह), हरिजन आन्दोलन (निश्चय दिवस), भारत छोड़ो आन्दोलन |
उपाधि | राष्ट्रपिता (बापू) |
प्रसिद्ध वाक्य | अहिंसा परमो धर्म |
सिद्धांत | सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, शाखाहारी, सद्कर्म एवम विचार, बोल पर नियंत्रण |
महात्मा गाँधी के बारे में (Mahatma Gandhi in Hindi)
महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 ईस्वी को भारत के पश्चिमी राज्य गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनका पूरा नाम मोहन दास करमचंद गाँधी है। इनकी शादी महज 13 वर्ष की आयु में कस्तूरबा नामक महिला से हो गयी थी। इन्होने अपने स्कूली शिक्षा अपने होमटाउन पोरबंदर से ही ली।
इसके बाद वकालत की पढाई करने के लिए ये लंदन चले गए और साल 1891 में पढाई पूरी कर भारत वापस आ गए। इसके बाद भारत में वकालत का अच्छा करियर न मिलने के कारण गाँधी जी 2 साल समय बिताने के बाद वर्ष 1893 में दक्षिण अफ्रीका चले गए। यहाँ पर इनके साथ बहुत नस्लीय भेदभाव हुआ, एक बार ट्रेन में गाँधी जी प्रथम श्रेणी में यात्रा कर रहे थे।
इस दौरान एक अंग्रेज ने इन्हे सामान समेत बाहर निकल दिया था। ये कहकर की इंडियन को प्रथम श्रेणी में यात्रा करने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा कई अन्य प्रकार के अत्याचार भी इनके साथ हुए। इन सभी कठिन परिस्तिथियों ने गाँधी जी को झकझोर कर रख दिया और इन्होने तय किया की ये अफ्रीका में हो रहे नस्लीय भेदभाव के खिलाफ अंग्रेजो से लड़ेंगे।
इस प्रकार गाँधी जी ने वहां के मजदूर वर्ग, किसान इत्यादि को साथ लेकर उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ कई अहिंसक आंदोलन किया और साउथ अफ्रीकंस को हक़ अधिकार मिले ये सुनिश्चित किया। और फिर अंततः 23 सालों बाद गाँधी जी वापस अपने वतन भारत लौटे।
गाँधी जी का देश की स्वतंत्रता में योगदान
9 जनवरी 1915 को दक्षिण अफ्रीका से लौटने के उपरांत गाँधी जी भारत में चल रहे अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई में कूद पड़े और कई सफल आंदोलनों का नेतृत्व किया। जिससे अंग्रेजी हुकूमत को इनके सामने झुकनी पड़ी। इससे अंग्रेजी हुकूमत की नीवं धीरे धीरे कमजोर पड़ने लगी।
सबसे पहले गाँधी जी ने वर्ष 1917 में बिहार के चम्पारण में निल की खेती करने वाले किसानो के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ चम्पारण सत्याग्रह कर उनके हक़ अधिकार को सुनिश्चित करवाया। इसके बाद साल 1920 में गाँधी जी ने असहयोग आंदोलन, फिर साल 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन कर चलाकर अंग्रेजो को झुकने पर मजबूर कर दिया।
इसी प्रकार कई अन्य प्रकार के आंदोलनों का नेतृत्व किया और फिर 8 अगस्त 1942 को गाँधी जी ने अंग्रेजो के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन आरम्भ किया, इस आंदोलन में गाँधी जी ने “करो या मरो” का नारा देकर भारत वासियों को क्रांति के लिए मजबूर कर दिया।
और फिर अंततः 15 अगस्त 1947 ईस्वी को भारत अंग्रेजो के चंगुल से मुक्त हुआ। गाँधी जी का भारत के आजादी में बहुत ही महत्पूर्ण योगदान है। और फिर 30 जनवरी 1948 ईस्वी को शाम के समय नई दिल्ली स्थित बिरला भवन में नाथूराम गोडसे ने महात्मा गाँधी को सीने में तीन गोलियाँ मारकर हत्या कर दी।
गांधी जयंती कब मनाई जाती है और क्यों?
हर एक साल 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती बहुत ही धूम धाम से मनाई जाती है। क्यूंकि इसी दिन वर्ष 1869 ईस्वी को पुरे विश्व को सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गाँधी का जन्म भारत के गुजरात राज्य के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था।
गाँधी जयंती के दिन स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी एवं अन्य प्रकर के संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित काफी हर्ष उल्लाश के मनाया जाता है। लोग इस दिन गाँधी जी के द्वारा कहे गए कथन पर चलने की प्रण लेते है। प्राथना सभा, झांकी, स्मारक समारोह, श्रद्धांजलि सभाएं इत्यादि कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।
FAQ’s –
Q. गांधी जी के माता पिता का क्या नाम था?
Ans: गाँधी जी के पिता का नाम करमचंद गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई गाँधी है।
Q. महात्मा गांधी की पत्नी का क्या नाम था?
Ans: कस्तूरबा गाँधी
Q. गांधी जी दक्षिण अफ्रीका से भारत कब लौटे?
Ans: 9 जनवरी 1915 ईस्वी को
Q. गांधी जी का जन्म और मृत्यु कब हुई?
Ans: गाँधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 ईस्वी को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था, एवं मृत्यु 30 जनवरी 1948 ईस्वी को हुई थी।
Q. महात्मा गाँधी जी की हत्या किसने की थी
Ans: नाथूराम गोडसे ने
Q. गांधी जी की मृत्यु कब और कहां हुई
Ans: गाँधी जी की मृत्यु 30 जनवरी 1948 ईस्वी को नयी दिल्ली स्थित बिरला भवन में नाथूराम गोडसे के द्वारा गोली मारने से हो गयी थी।
Q. गांधी जी की उम्र कितनी थी?
Ans: 78 वर्ष (1869-1948)
Q. गांधी जी की शादी कितने वर्ष में हुई थी?
Ans: 13 वर्ष में
निष्कर्ष –
मैं आशा करता हूँ की आपको ये लेख गाँधी जयंती क्यों मनाया जाता है? ज्ञानवर्धक लगा होगा, आज हमने भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में विस्तार से जाना, अगर अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ-साथ सोशल नेटवर्क जैसे की Facebook, Twitter या अन्य सोशल मीडिया पर भी शेयर जरूर करे, आप किसी भी प्रकार का सवाल कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है, धन्यवाद!
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